Tuesday, May 15, 2007

ROZ EK SHER

उलफ़त में बराबर हैं वफ़ा हो कि जफ़ा हो
हर बात में लज़्ज़त है अगर दिल में मज़ा हो
-अमीर मीनाई

ulfat mein baraabar hain wafaa ho ki jafaa ho
har baat mein lazzat hai agar dil mein mazaa ho
-Amir Minai

Favour or disfavour, it's all the same in love
As long as the heart is joyous
Every aspect of love is bliss

English adaptation by Manish Modi
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JO JITA VAHI SIKANDAR
Hindi tr of "Born to Win"
By Pramod Batra
Hindi tr by Alka Kaushik
2005     200 x 135 mm     120 pp
Softcover     Rs. 95

4 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया शेर है।

Udan Tashtari said...

रोज एक शेर अच्छा प्रयास है. स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में.

अभय तिवारी said...

ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है मनीष..
पिछली बार आपकी दुकान आया था तो आप जल्दी में थे और अपने पिताजी के हवाले कर चले गये थे.. उनसे बातचीत और आपके कार्यालय का ज़िक्र मैंने इस पोस्ट में किया है.. देखिये यहाँ.. http://nirmal-anand.blogspot.com/2007/04/blog-post_24.html

अशआर के अलावा भी कुछ लिखिये..

सुनीता शानू said...

स्वागत है आपका,..बहुत उम्दा लिखते है!..
सुनीता(शानू)