Tuesday, February 12, 2008

ROZ EK SHER

मेरे नियाज़े इश्क़ की क्या बात है शमीम
क़दमों में हुस्न को न झुका दूँ तो बात क्या
-शमीम जयपुरी

mere niyaaze ishq kii kyaa baat hai Shamim
qadamon mein ishq ko na jhukaa duun to baat kyaa
-Shamim Jaypuri

No translation required!

1 comment:

आलोक said...

जनाब,
क्या आप ROZ EK SHER के साथ साथ रोज़ एक शेर भी लिख सकते हैं? दरअसल बात कुछ नहीं है, पर हमारी खोज आपके खजाने तक पहुँच नहीं पा रही है।