बंजर
-राहुल उपाध्याय
BANJAR
A Poem by Rahul Upadhyay (online link - http://mere--words.blogspot.com/2008/05/blog-post_02.html)
बंजर है
यहाँ की भूमि
जहाँ कोई बीज
अंकुरित नहीं होता
विश्व के कोने-कोने से
खिले-खिलाए फूल
ग्रीन कार्ड के बदले
तोड़ के लगा दिए जाते हैं
अपने बाग़-बाग़ीचों से
अलग कर दिए जाते है
शो-पीस है
यहाँ का किचन
जहाँ कोई पकवान नहीं पकता है
सब बनता है और कहीं
सिर्फ़ गर्म यहाँ हुआ करता है
दिग्भ्रमित है
यहाँ की जनता
जिनका अपना न कोई मत होता है
गिने-चुने टी-वी चैनल्स
की मन-मर्ज़ी से ही
सब कुछ यहाँ होता है
पीड़ित है
यहाँ की नई पीढ़ी
टी-बी से नहीं
टी-वी से
एल-एस-डी से नहीं
एल-सी-डी से
दिन-रात जिनका
स्क्रीन से रिश्ता बना रहता है
वंचित हैं
यहाँ के वृद्ध
स्वयं अपने ही परिवार से
मिलने चाहिए जिनसे संस्कार
मारे-मारे फिरते हैं वो बेकार से
श्रमप्रधान है
यहाँ का जीवन
जहाँ हर काम की है क़ीमत
और हर मिनट पैसा बनता है
लेकिन कर्मचारी फिर भी
उधारी में जा कर फँसता है
संदिग्ध है
यहाँ का विकास
जो एक तरफ़ तो
छूना चाहता है आकाश को
और दूसरी तरफ़
अग्रसर है पाताल को
अनिश्चित है
यहाँ का भविष्य
जहाँ तीव्र-गति से जीवन चलता है
लेकिन रेंगती है आत्मा
जहाँ नि:शब्द हर कोई रहता है
लेकिन शांति को फिर भी
तलाशता ही रहता है
________
Glossary:
टी-बी = Tuberculosis of the lungs, characterized by the coughing up of
mucus and sputum, fever, weight loss, and chest pain.
एल-एस-डी = LSD, a crystalline solid, C20H25N3O, the diethyl amide of
lysergic acid, a powerful psychedelic drug that produces temporary
hallucinations and a schizophrenic psychotic state
एल-सी-डी = LCD, liquid-crystal display: a method of displaying
readings continuously, as on digital watches, portable computers, and
calculators, using a liquid-crystal film, sealed between glass plates,
that changes its optical properties when a voltage is applied.
===========================
A picture may be worth a thousand words. But mere words can inspire
millions
-राहुल उपाध्याय
BANJAR
A Poem by Rahul Upadhyay (online link - http://mere--words.blogspot.com/2008/05/blog-post_02.html)
बंजर है
यहाँ की भूमि
जहाँ कोई बीज
अंकुरित नहीं होता
विश्व के कोने-कोने से
खिले-खिलाए फूल
ग्रीन कार्ड के बदले
तोड़ के लगा दिए जाते हैं
अपने बाग़-बाग़ीचों से
अलग कर दिए जाते है
शो-पीस है
यहाँ का किचन
जहाँ कोई पकवान नहीं पकता है
सब बनता है और कहीं
सिर्फ़ गर्म यहाँ हुआ करता है
दिग्भ्रमित है
यहाँ की जनता
जिनका अपना न कोई मत होता है
गिने-चुने टी-वी चैनल्स
की मन-मर्ज़ी से ही
सब कुछ यहाँ होता है
पीड़ित है
यहाँ की नई पीढ़ी
टी-बी से नहीं
टी-वी से
एल-एस-डी से नहीं
एल-सी-डी से
दिन-रात जिनका
स्क्रीन से रिश्ता बना रहता है
वंचित हैं
यहाँ के वृद्ध
स्वयं अपने ही परिवार से
मिलने चाहिए जिनसे संस्कार
मारे-मारे फिरते हैं वो बेकार से
श्रमप्रधान है
यहाँ का जीवन
जहाँ हर काम की है क़ीमत
और हर मिनट पैसा बनता है
लेकिन कर्मचारी फिर भी
उधारी में जा कर फँसता है
संदिग्ध है
यहाँ का विकास
जो एक तरफ़ तो
छूना चाहता है आकाश को
और दूसरी तरफ़
अग्रसर है पाताल को
अनिश्चित है
यहाँ का भविष्य
जहाँ तीव्र-गति से जीवन चलता है
लेकिन रेंगती है आत्मा
जहाँ नि:शब्द हर कोई रहता है
लेकिन शांति को फिर भी
तलाशता ही रहता है
________
Glossary:
टी-बी = Tuberculosis of the lungs, characterized by the coughing up of
mucus and sputum, fever, weight loss, and chest pain.
एल-एस-डी = LSD, a crystalline solid, C20H25N3O, the diethyl amide of
lysergic acid, a powerful psychedelic drug that produces temporary
hallucinations and a schizophrenic psychotic state
एल-सी-डी = LCD, liquid-crystal display: a method of displaying
readings continuously, as on digital watches, portable computers, and
calculators, using a liquid-crystal film, sealed between glass plates,
that changes its optical properties when a voltage is applied.
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A picture may be worth a thousand words. But mere words can inspire
millions
1 comment:
संदिग्ध है
यहाँ का विकास
जो एक तरफ़ तो
छूना चाहता है आकाश को
और दूसरी तरफ़
अग्रसर है पाताल को
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समय के सच को दो टूक
लेकिन मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति दी है कवि ने
कविता सीख देती है और सतर्क भी करती है
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सर्जक को बधाई
उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए आपका आभार.
डा.चंद्रकुमार जैन
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